Rekha khichi

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बचपन की चाहत लेखनी प्रतियोगिता -29-Jul-2022

विषय _बचपन की चाहत 


वो जो बचपन वाला बिस्तर था ना
वो आज भी याद आता है
कितनी बार तो हंसते हुए रुलाता है
भाग दौड़ खेल कूद बस यही किस्सा था
चाहे कहीं भी सोए सुबह आंखे खोलो तो 
वो सुकून वाला बिस्तर अपना हिस्सा था
मां की नरमी वाली ममता थी 
और पिता की सख्ती वाला प्यार था
कुछ भी कहो वो एक सुकून भरा संसार था
अब सब कुछ है जीवन में जरुरत का सामान
फिर भी ना जाने क्यों पूरे नहीं होते अरमान
इक बार फिर से उस बचपन में जाना है
वो अपनेपन वाला बिस्तर वापिस पाना है।

 जहां बस प्यार की भाषा थी
मिट्टी की खुशबू थी,खेलने की आशा थी,
वो दौर कुछ और था
जवाबदारी का ना कोई शोर था
वो प्यारा बचपन अब भी गुदगुदाता है
हमको हमारा बचपन आज भी याद आता है।

Rekha khichi
@Magical_roa

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11 Comments

Rahman

30-Jul-2022 10:34 PM

Nyc

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Abhinav ji

30-Jul-2022 09:38 PM

Nice

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Gunjan Kamal

30-Jul-2022 12:58 PM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌👌

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